4th Sunday in Ordaniry time (L) वर्ष का चौथा सामान्य रविवार| 31 Jan 2021.

4th Sunday in Ordaniry time (L) वर्ष का चौथा सामान्य रविवार| 31 Jan 2021.

4th Sunday in Ordaniry time (L) 31 January 2021 : आज वर्ष का चौथा सामान्य रविवार हैं। आज का पहला पाठ विधि-विवरण ग्रन्थ के अध्याय 18:15-20 और दूसरा पाठ को कुरिन्थियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र के अध्याय 7:32-35 से लिया गया हैं। और सुसमाचार को सन्त मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार के अध्याय 1:21-28 से लिया गया हैं। तो आईये आज का पवित्र बाईबिल वचन को हम पढते हैं। आप सभी को हमारे Jesus Christ Help ब्लॉग में स्वागत है।

4th Sunday in Ordaniry time (L) वर्ष का चौथा सामान्य रविवार| 31 Jan 2021.

पहला पाठ :विधि-विवरण ग्रन्थ । अध्याय 18:15-20

15 तुम्हारा प्रभु ईश्वर तुम्हारे बीच, तुम्हारे ही भाइयों में से, तुम्हारे लिए मुझ-जैसा एक नबी उत्पन्न करेगा-तुम लोग उसकी बात सुनोगे।

16 जब तुम होरेब पर्वत के सामने एकत्र थे, तुमने अपने प्रभु-ईश्वर से यही माँगा था। तुम लोगों ने कहा था अपने प्रभु-ईश्वर की वाणी हमें फिर सुनाई नहीं पडे़ और हम फिर भयानक अग्नि नहीं देखे। नहीं तो हम मर जायेंगे।

17 तब प्रभु ने मुझ से यह कहा, लोगों का कहना ठीक ही है।

18 मैं उनके ही भाइयों मे से इनके लिए तुम-जैसा ही नबी उत्पन्न करूँगा। मैं अपने शब्द उसके मुख मे रखूँगा और उसे जो-जो आदेश दूँगा, वह तुम्हें वही बताएगा।

19 वह मेरे नाम पर जो बातें कहेगा, यदि कोई उसकी उन बातों को नहीं सुनेगा, तो मैं स्वंय उस मनुष्य से उसका लेखा लूँगा।

20 यदि कोई नबी मेरे नाम पर ऐसी बात कहने का साहस करेगा, जिसके लिए मैंने उसे आदेश नहीं दिया, या वह अन्य देवताओं के नाम पर बोलेगा, तो वह मर जायेगा।’

दूसरा पाठ : कुरिन्थियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र । अध्याय 7:32-35

32 मैं तो चाहता हूँ कि आप लोगों को कोई चिन्ता न हो। जो अविवाहित है, वह प्रभु की बातों की चिन्ता करता है। वह प्रभु को प्रसन्न करना चाहता है।

33 जो विवाहित है, वह दुनिया की बातों की चिन्ता करता है। वह अपनी पत्नी को प्रसन्न करना चाहता है।

34 उस में परस्पर-विरोधी भावों का संघर्ष है जिसका पति नहीं रह गया और जो कुँवारी है, वे प्रभु की बातों की चिन्ता करती है। तो विवाहित है, वह दुनिया की बातों की चिन्ता करती हैं, और अपने पति को प्रसन्न करना चाहती है।

35 मैं आप लोगों की भलाई के लिए यह कह रहा हूँ। मैं आपकी स्वतन्त्रता पर रोक लगाना नहीं चाहता। मैं तो आप लोगों के सामने प्रभु की अनन्य भक्ति का आदर्श रख रहा हूँ।

4th Sunday in Ordaniry time (L) वर्ष का चौथा सामान्य रविवार| 31 Jan 2021.

सुसमाचार: सन्‍त मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार | अध्याय 1:21-28

वे अधिकार के साथ बोलते हैं।

21 वे कफ़नाहूम आये। जब विश्राम दिवस आया, तो ईसा सभागृह गये और शिक्षा देते रहे।

22 लोग उनकी शिक्षा सुनकर अचम्भे में पड़ जाते थे; क्योंकि वे शास्त्रियों की तरह नहीं, बल्कि अधिकार के साथ शिक्षा देते थे।

23 सभागृह में एक मनुष्य था, जो अशुद्ध आत्मा के वश में था। वह ऊँचे स्वर से चिल्लाया,

24 ’’ईसा नाज़री! हम से आप को क्या? क्या आप हमारा सर्वनाश करने आये हैं? मैं जानता हूँ कि आप कौन हैं- ईश्वर के भेजे हुए परमपावन पुरुष।’’

25 ईसा ने यह कहते हुए उसे डाँटा, ’’चुप रह! इस मनुष्य से बाहर निकल जा’’।

26 अपदूत उस मनुष्य को झकझोर कर ऊँचे स्वर से चिल्लाते हुए उस से निकल गया।

27 सब चकित रह गये और आपस में कहते रहे, ’’यह क्या है? यह तो नये प्रकार की शिक्षा है। वे अधिकार के साथ बोलते हैं। वे अशुद्ध आत्माओं को भी आदेश देते हैं और वे उनकी आज्ञा मानते हैं।’’

28 ईसा की चर्चा शीघ्र ही गलीलिया प्रान्त के कोने-कोने में फैल गयी।

Thank You………

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