वर्ष का पांचवां सामान्य रविवार|5th Sunday in Ordinary time (L)

5th Sunday in Ordaniry time (L) : आज वर्ष का पांचवां सामान्य रविवार हैं। आज का पहला पाठ अय्यूब (योब) ग्रन्थ के अध्याय 7:1-4, 6-7 और दूसरा पाठ को कुरिन्थियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र के अध्याय 9:16-19,22-23 से लिया गया हैं। और सुसमाचार को सन्त मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार के अध्याय 1:29-39 से लिया गया हैं। तो आईये आज का पवित्र बाईबिल वचन को हम पढते हैं। आप सभी को हमारे Jesus Christ Help ब्लॉग में स्वागत है।

Jesus perform the first miracle.यीशु के पहला चमत्कार
वर्ष का पांचवां सामान्य रविवार|5th Sunday in Ordaniry time (L)

पहला पाठ : अय्यूब (योब) का ग्रन्थ अध्याय 7:1-4, 6-7

1 क्या इस पृथ्वी पर मनुष्य का जीवन सेना की नौकरी की तरह नहीं? क्या उसके दिन मज़दूर के दिनों की तरह नहीं बीतते?

2 क्या वह दास की तरह नहीं, जो छाया के लिए तरसता हैं? मज़दूर की तरह, जिसे समय पर वेतन नहीं मिलता?

3 मुझे महीनों निराशा में काटना पड़ता है। दुःखभरी रातें मेरे भाग्य में लिखी है।

4 शय्या पर लेटते ही कहता हूँ- भोर कब होगा? उठते ही सोचता हूँ-सन्ध्या कब आयेगी? और मैं सायंकाल तक निरर्थक कल्पनाओं में पड़ा रहता हूँ।

6 मेरे दिन जुलाहें की भरती से भी अधिक तेजी से गुजर गये और तागा समाप्त हो जाने पर लुप्त हो गये हैं।

7 प्रभु! याद रख कि मेरा जीवन एक श्वास मात्र है और मेरी आँखें फिर अच्छे दिन नहीं देखेंगी।

दूसरा पाठ : कुरिन्थियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र अध्याय 9:16-19,22-23

16 मैं इस पर गौरव नहीं करता कि मैं सुसमाचार का प्रचार करता हूँ। मुझे तो ऐसा करने का आदेश दिया गया है। धिक्कार मुझे, यदि मैं सुसमाचार का प्रचार न करूँ!

17 यदि मैं अपनी इच्छा से यह करता, तो मुझे पुरस्कार का अधिकार होता। किन्तु मैं अपनी इच्छा से यह नहीं करता। मुझे जो कार्य सौंपा गया है, मैं उसे पूरा करता हूँ।

18 तो, पुरस्कार पर मेरा कौन-सा दावा है? वह यह है कि मैं कुछ लिये बिना सुसमाचार का प्रचार करता हूँ और सुसमाचार-सम्बन्धी अपने अधिकारों का पूरा उपयोग नहीं करता।

19 सब लोगों से स्वतन्त्र होने पर भी मैंने अपने को सबों का दास बना लिया है, जिससे मैं अधिक -से-अधिक लोगों का उद्धार कर सकूँ।

22 मैं दुर्बलों के लिए दुर्बल-जैसा बना, जिससे मैं उनका उद्धार कर सकूँ। मैं सब के लिए सब कुछ बन गया हूँ, जिससे किसी-न-किसी तरह कुछ लोगों का उद्धार कर सकूँ।

23 मैं यह सब सुसमाचार के कारण कर रहा हूँ, जिससे मैं भी उसके कृपादानों का भागी बन जाऊँ।

वर्ष का पांचवां सामान्य रविवार|5th Sunday in Ordinary time (L)

5th Sunday in Ordaniry time (L) वर्ष का चौथा सामान्य रविवार| 31 Jan 2021.
5th Sunday in Ordaniry time (L)

सुसमाचार: सन्‍त मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार | अध्याय 1:29-39

29 वे सभागृह से निकल कर याकूब और योहन के साथ सीधे सिमोन और अन्द्रेयस के घर गये।

30 सिमोन की सास बुख़ार में पड़ी हुई थी। लोगों ने तुरन्त उसके विषय में उन्हें बताया।

31 ईसा उसके पास आये और उन्होंने हाथ पकड़ कर उसे उठाया। उसका बुख़ार जाता रहा और वह उन लोगों के सेवा-सत्कार में लग गयी।

32 सन्ध्या समय, सूरज डूबने के बाद, लोग सभी रोगियों और अपदूतग्रस्तों को उनके पास ले आये।

33 सारा नगर द्वार पर एकत्र हो गया।

34 ईसा ने नाना प्रकार की बीमारियों से पीडि़त बहुत-से रोगियों को चंगा किया और बहुत-से अपदूतों को निकाला। वे अपदूतों को बोलने से रोकते थे, क्योंकि वे जानते थे कि वह कौन हैं।

35 दूसरे दिन ईसा बहुत सबेरे उठ कर घर से निकले और किसी एकान्त स्थान जा कर प्रार्थना करते रहे।

36 सिमोन और उसके साथी उनकी खोज में निकले

37 और उन्हें पाते ही यह बोले, ’’सब लोग आप को खोज रहे हैं’’।

38 ईसा ने उन्हें उत्तर दिया, ’’हम आसपास के कस्बों में चलें। मुझे वहाँ भी उपदेश देना है- इसीलिए तो आया हूँ।’’

39 और वे उनके सभागृहों में उपदेश देते और अपदूतों को निकलाते हुए सारी गलीलिया में घूमते रहते थे।

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